Mai Jalta Raha | Diwali, Hindi Poem
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मैं जलता रहा,
हवाओं से लड़ता रहा ॥
मोम पिघलता रहा,
आसुओं सा टपकता रहा ॥
बरसों से सोया आसमान,
आज सारी रात चमकता रहा ॥
बरसों से ख़ामोश जहान,
आज सारी रात गूंजता रहा ॥
मैं देखता रहा,
मैं सुनता रहा ॥
बिजली की नई रौनकों से जुदा,
मैं इक पूजा कि थाली में जलता रहा ॥
मैं जलता रहा,
हवाओं से लड़ता रहा ॥
मोम पिघलता रहा,
आसुओं सा टपकता रहा ॥
दीपावली रौशनी का त्यौहार है। इसे किसी के अंधकारित जीवन में उजाले का संचार कर मनाएं । आपको, आपके परिवार एवं मित्रों को GvSparx की ओर से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ।